Tuesday 25 December 2012

मिली नई राह !!!!!



















कोई दूर चमकती रोशनी ने,
दिल में भर दिया उत्साह !
उड़ चले गगन में एक दूजे के संग
मानो मिल गयी उन्हें नई राह !!


ना मालूम है उन्हें मंजिल का
न पता जाना है कहाँ?!
फिर भी निकल पड़े है दोनों
थामे एक दूजे की बाँह!!

छोड़ झूठे जग के सहारे,
हर दम एक दूजे को पुकारे !
खिल खिल हँसते हो मस्त मलंग !!
उड़ चले गगन में एक दूजे के संग
मानो मिल गयी उन्हें नयी राह !!

घोर अँधेरा दूर हुआ,
जब हाथ पकड़ वो साथ चले !
सज गया उनका जहान,
जैसे नयी मिली है राह !!

बादलों की छावों से, तारों के गांवों से
उड़ गए प्रेम के पंख लगा कर !
दिल में लगन यार को मिलने की
ऐसे जगी मानो मिल गयी नयी राह !!

दिल को प्यार का राग सुनाया
निश्चय की लौ को मन में जगाया !
नयी ही धुन में गाते ,
उड़ चले  वो बेपरवाह!
मानो नयी मिली है राह!!