इस कमली को उस सोहने ने
दिल में दिया बिछौना !!
तन मस्जिद पे जो ओढी
तेरी हरी चादर
मैं हो गई बस तू !!
मैं हो गई बस तू !!
ना मंदिर मस्जिद ना गिरज़ा गुरुदवारा
यार में दिखता सच्चे रब का नज़ारा !
ज़मीन से फ़लक तक चमके तेरा ही सितारा
बिन तेरे सजदे जीना एक पल भी न गवारा !!
जब खुदी मिटा के मेरे खुदा ने मुझे सवारा
तो मैं हो गई बस तू !!!