Saturday, 19 January 2013

GIFT - Every Second of My Life













अखियों से दूर, पर दिल के सदा है पास
तेरा  एहसास ही है, मेरे लिए सबसे  खास
याद करूँ तुझे अपने हर श्वास- श्वास !
आज के इस मुबारक दिन
क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!

जब भी सोचा तो कुछ न समझ आया
दिल में बस यही हर बार  ख्याल आया
जो मीरा ने खुद को गवां मोहन को पाया !
ऐसे ही मैं तेरी रूह में समाई
बस तू ही तू , मैं कहीं नहीं
बना सांसों की माला, सिमरू  तेरा नाम
ऐसा अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!


जब से किया तूने इस दिल में निवास
इस आम के लिए  हो  गए सबसे खास !
तेरी खुशियों को जोडूं, न आने दूँ कोई गम पास 
बदले में न है कोई उम्मीद और न है  कोई आस !!
आज के इस खास दिन
बन कर तेरी सांसों के हिसाब की मुनीम
हर पल, हर क्षण बेफिक्र करती हूँ तुम्हें !!!

याद आता है वो पल जब मैं तुमसे मिलने आई
तुम्हें लगा ये बांवरी कोई नयी आफत ले आई !
भले ही मैंने न कहा तुमसे कुछ
मेरी ख़ामोशी तेरे दिल को दस्तक दे आई
बिछड़ने जो लगी तुमसे तो मेरी अखियाँ भर आई !!
न जाने कैसा चढ़ा रंग, अपने सूफी की हो गई मैं मलंग
ऐसी  कमली भला क्या दे सकती है तुम्हें
बन तेरी परछाई, हर पल साथ देने  का वायदा देती है तुम्हें !!!

हर रोशन दुआ,   करे दूर अँधेरा
आज के दिन सज गया नया सवेरा
मेरा मन भी तेरा, तन भी तेरा
तेरा ही सब कुछ  समर्पित करती हूँ तुम्हें !
और भला क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!!

तुझ से ही तो मेरे जीवन का सार है
तुझ संग ही तो जाना गगन के उस पार है !
जैसे बिना जल के मछली की न कोई कहानी है
गर करो जुदा मछली को पानी से
तो उसको खाने वाला भी करता पानी पानी है !!
तेरी मेरी यारी  भी तो  दुनियावी नहीं रूहानी है
तो और भला क्या तोहफा  दे सकती हूँ तुम्हें
ज़िन्दगी भर खुश रहे, दुआओं की  सौगात देती हूँ तुम्हें !!!

न जाने कब ख़त्म हो जाये ये सफ़र
जब तक होगा  दम ओ सांसो का असर
तेरे हर सपने को पूरा करने की खातिर
छोड़ेगी  न कोई कसर,
उड़ाने ज़िन्दगी की ये  हमसफ़र !
आज के इस मुबारक दिन
क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!!

तूने ओ ललारी, मुझ पे ये रंग कैसा लगाया
कोई दाग निंदा का मुझे छू भी ना पाया !
जब से मैं अपने यार की दीवानी हुई
लोग समझे मैं और भी सुन्दर  सयानी हुई !!
न देख पाए कि  ये मैं नहीं, मुझ में  तू है
छू कर मेरे मन को ऐसा पावन  बनाया
तेरे ही हर रंग निखर कर मुझपे  है  आया !!
न देखा है मैंने खुदा  को कभी
पर जब भी देखा तुझे, नूरे खुदा  का दीदार पाया !!!
इस खुदा  ए   यार को और भला क्या दे सकती हूँ
तेरे ही रंग में रंगती रहूँ, ऐसी रंगोली देती हूँ तुम्हें !!!!

तेरी इच्छा में अपनी इच्छा बनाती  रहूँ
तेरे सुख में नित सुख अपना पाती रहूँ !
जो एक पल भी भुलूँ  तो काफ़िर हूँ मैं
ये पल ही है मेरे पास तुझे देने के लिए
जितनी भी लिखी हैं, इन पलों में सांसे
बना उनकी तसबीह, हर पल सिमरे तुम्हें !!

हीरे को हीरे मोती भला क्या देता है कोई
जो अनमोल हो उसकी कीमत क्या दे सकता है कोई !
मेरी जीवन का ये चरखा, बना  है बस  खातिर तेरी
हर तंद पावां तेरे नाम दी, तुझ पे जायूं  मैं  बल्हारी
मुझ में मैं न हूँ अब बाकि, हो गयी हूँ  तेरी ही सारी !!
आज के इस मुबारक दिन
क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!!


रूह से रूह का प्यार , तेरे लिए कभी बंदिश न बने
जब भी चाहे, तेरी लिए एक नई  राह बने !
दुनिया का  हर रिश्ता शर्तों से बंधा है
अपने रूहानी यार को और कुछ नहीं
बस बेशर्ते मोहब्बत की आज़ादी  देती हूँ तुम्हें !!

खुद बढ़ कर  खुदा  ने  किया मुझ निमानी पे रहमों करम
जब भी भरनी चाही उड़ान, दिया तेरा साथ और सारा आलम
इस सफ़र के हर जाम को घूँट-घूँट पिए, जब तक हो दम कायम !
बन जोगी की जोगन खुद को समर्पित करती हूँ तुम्हें
और भला क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!

ज़िन्दगी की डोर बंधी सांसों से
सांसे बंधी है पलों से
बिता हुआ पल और एक साँस की  कीमत
करोडो-अरबों  देकर भी वापिस ला सकता न कोई !
आज के इस मुबारक दिन
बस  यहीं कीमती तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!!