कोई दूर चमकती रोशनी ने,
दिल में भर दिया उत्साह !
उड़ चले गगन में एक दूजे के संग
मानो मिल गयी उन्हें नई राह !!
ना मालूम है उन्हें मंजिल का
न पता जाना है कहाँ?!
फिर भी निकल पड़े है दोनों
थामे एक दूजे की बाँह!!
छोड़ झूठे जग के सहारे,
हर दम एक दूजे को पुकारे !
खिल खिल हँसते हो मस्त मलंग !!
उड़ चले गगन में एक दूजे के संग
मानो मिल गयी उन्हें नयी राह !!
घोर अँधेरा दूर हुआ,
जब हाथ पकड़ वो साथ चले !
जब हाथ पकड़ वो साथ चले !
सज गया उनका जहान,
जैसे नयी मिली है राह !!
जैसे नयी मिली है राह !!
बादलों की छावों से, तारों के गांवों से
उड़ गए प्रेम के पंख लगा कर !
दिल में लगन यार को मिलने की
ऐसे जगी मानो मिल गयी नयी राह !!
दिल को प्यार का राग सुनाया
निश्चय की लौ को मन में जगाया !
नयी ही धुन में गाते ,
उड़ चले वो बेपरवाह!
उड़ चले वो बेपरवाह!
मानो नयी मिली है राह!!
बादलों की छावों से, तारों के गांवों से
ReplyDeleteउड़ गए प्रेम के पंख लगा कर !
दिल में लगन यार को मिलने की
ऐसे जगी मानो मिल गयी नयी राह ...
ये प्रेम की लगन अगर सच्ची हो तो खुदा भी मिल जाता है ...
राह तो ओपन आप ही बन जाती है ... सुन्दर रचना ...
वाह ......बहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteना मालूम है उन्हें मंजिल का
ReplyDeleteन पता जाना है कहाँ?!
फिर भी निकल पड़े है दोनों
थामे एक दूजे की बाँह!!
विश्वास से निकल पड़े हैं तो मंजिल भी मिल जाएगी
बहुत खूबसूरत रचना !!
नव वर्ष की शुभकामनाएँ !!
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteप्रेम की राह मुश्किल होती है पर एक-दूजे का साथ हो तो
ReplyDeleteसब आसान हो जाता है..बहुत ही सुन्दर हृदयस्पर्शी रचना..
:-) :-)
सुखद हो नई राहों की मंजिल
ReplyDeleteअपने मनभावन साथी के साथ ....
सुहाने सफ़र के लिए
शुभकामनायें!
दिल को प्यार का राग सुनाया
ReplyDeleteनिश्चय की लौ को मन में जगाया !
नयी ही धुन में गाते ,
उड़ चले वो बेपरवाह!
मानो नयी मिली है राह!!
जहाँ विश्वास हो वहां ऐसी ही उड़ान होती है .सुन्दर भावनाएं
दिल को प्यार का राग सुनाया
ReplyDeleteनिश्चय की लौ को मन में जगाया !
नयी ही धुन में गाते ,
उड़ चले वो बेपरवाह!
मानो नयी मिली है राह!!
आपकी कविता मन के संवेदनशील तारों को झंकृत कर गई। मेरी कामना है कि आप अहर्निश सृजनरत रहें। धन्यवाद।
prem ki sahaj anubhuti... Bahut hi sunder abhivyakti.
ReplyDeleteबहुत सुंदर ... यदि ऐसा साथ हो तो पंख मिल ही जाते हैं ।
ReplyDeleteदिल को प्यार का राग सुनाया
ReplyDeleteनिश्चय की लौ को मन में जगाया !
नयी ही धुन में गाते ,
उड़ चले वो बेपरवाह!
मानो नयी मिली है राह!!
..प्यार का राही जब अपने जैसा हो तो फिर पैर जमीं पर कहाँ टिकते हैं ...बहुत बढ़िया रचना
सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
ReplyDelete.
ReplyDeleteआपको सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामना..
बहुत खूब..
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक बधाई !!!!!
बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteकोई दूर चमकती रोशनी ने,
ReplyDeleteदिल में भर दिया उत्साह !
उड़ चले गगन में एक दूजे के संग
मानो मिल गयी उन्हें नई राह !!
क्या बात है चित्र के मुताबिक पंक्तियाँ भी ...
बहुत खूब ....!!