जब तू गाये
बन
जाऊँ राग ख़माज
जो तू लिखे
बन जाऊँ तेरे अल्फ़ाज़
दुनिया को बताऊँ
रूहानी प्यार का
राज़
तू मेरा खुदा,
तेरी इबादत मेरी
नमाज़
इस रूहानी प्यार
में राँझे ने
पहना जोगिया लिबाज़
मीरा ने दी
गिरिधर को गली
गली आवाज़
सोनी बनी कच्चे घड़े
की तैराकी की
जांबाज़
दुनिया को बताऊँ रूहानी प्यार का राज़
दुनिया को बताऊँ रूहानी प्यार का राज़
जहाँ ना होता
है दुनियावी रस्मों
का रिवाज़
ना आता ढंग
से मुझे कोई
काम काज
बुल्लेशाह यार दी कमली
हो गई
भले रूठ जाए
जग आज
कैसे करू शुकराना मेरे
ख़ुदा ए यार
का
जो इस कमली
के सर का
बना है सरताज
दुनिया को बताऊँ
रूहानी प्यार का
राज़
कि जब मिट
जाए सब राज़
तो है बस
सच्चे इश्क़ की
आगाज़