अखियों से दूर, पर दिल के सदा है पास
तेरा एहसास ही है, मेरे लिए सबसे खास
याद करूँ तुझे अपने हर श्वास- श्वास !
आज के इस मुबारक दिन
क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!
जब भी सोचा तो कुछ न समझ आया
दिल में बस यही हर बार ख्याल आया
जो मीरा ने खुद को गवां मोहन को पाया !
ऐसे ही मैं तेरी रूह में समाई
बस तू ही तू , मैं कहीं नहीं
बना सांसों की माला, सिमरू तेरा नाम
ऐसा अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!
जब से किया तूने इस दिल में निवास
इस आम के लिए हो गए सबसे खास !
तेरी खुशियों को जोडूं, न आने दूँ कोई गम पास
बदले में न है कोई उम्मीद और न है कोई आस !!
आज के इस खास दिन
बन कर तेरी सांसों के हिसाब की मुनीम
हर पल, हर क्षण बेफिक्र करती हूँ तुम्हें !!!
याद आता है वो पल जब मैं तुमसे मिलने आई
तुम्हें लगा ये बांवरी कोई नयी आफत ले आई !
भले ही मैंने न कहा तुमसे कुछ
मेरी ख़ामोशी तेरे दिल को दस्तक दे आई
बिछड़ने जो लगी तुमसे तो मेरी अखियाँ भर आई !!
न जाने कैसा चढ़ा रंग, अपने सूफी की हो गई मैं मलंग
ऐसी कमली भला क्या दे सकती है तुम्हें
बन तेरी परछाई, हर पल साथ देने का वायदा देती है तुम्हें !!!
हर रोशन दुआ, करे दूर अँधेरा
आज के दिन सज गया नया सवेरा
मेरा मन भी तेरा, तन भी तेरा
तेरा ही सब कुछ समर्पित करती हूँ तुम्हें !
और भला क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!!
तुझ से ही तो मेरे जीवन का सार है
तुझ संग ही तो जाना गगन के उस पार है !
जैसे बिना जल के मछली की न कोई कहानी है
गर करो जुदा मछली को पानी से
तो उसको खाने वाला भी करता पानी पानी है !!
तेरी मेरी यारी भी तो दुनियावी नहीं रूहानी है
तो और भला क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
ज़िन्दगी भर खुश रहे, दुआओं की सौगात देती हूँ तुम्हें !!!
न जाने कब ख़त्म हो जाये ये सफ़र
जब तक होगा दम ओ सांसो का असर
तेरे हर सपने को पूरा करने की खातिर
छोड़ेगी न कोई कसर,
उड़ाने ज़िन्दगी की ये हमसफ़र !
आज के इस मुबारक दिन
क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!!
तूने ओ ललारी, मुझ पे ये रंग कैसा लगाया
कोई दाग निंदा का मुझे छू भी ना पाया !
जब से मैं अपने यार की दीवानी हुई
लोग समझे मैं और भी सुन्दर सयानी हुई !!
न देख पाए कि ये मैं नहीं, मुझ में तू है
छू कर मेरे मन को ऐसा पावन बनाया
तेरे ही हर रंग निखर कर मुझपे है आया !!
न देखा है मैंने खुदा को कभी
पर जब भी देखा तुझे, नूरे खुदा का दीदार पाया !!!
इस खुदा ए यार को और भला क्या दे सकती हूँ
तेरे ही रंग में रंगती रहूँ, ऐसी रंगोली देती हूँ तुम्हें !!!!
तेरी इच्छा में अपनी इच्छा बनाती रहूँ
तेरे सुख में नित सुख अपना पाती रहूँ !
जो एक पल भी भुलूँ तो काफ़िर हूँ मैं
ये पल ही है मेरे पास तुझे देने के लिए
जितनी भी लिखी हैं, इन पलों में सांसे
बना उनकी तसबीह, हर पल सिमरे तुम्हें !!
हीरे को हीरे मोती भला क्या देता है कोई
जो अनमोल हो उसकी कीमत क्या दे सकता है कोई !
मेरी जीवन का ये चरखा, बना है बस खातिर तेरी
हर तंद पावां तेरे नाम दी, तुझ पे जायूं मैं बल्हारी
मुझ में मैं न हूँ अब बाकि, हो गयी हूँ तेरी ही सारी !!
आज के इस मुबारक दिन
क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!!
रूह से रूह का प्यार , तेरे लिए कभी बंदिश न बने
जब भी चाहे, तेरी लिए एक नई राह बने !
दुनिया का हर रिश्ता शर्तों से बंधा है
अपने रूहानी यार को और कुछ नहीं
बस बेशर्ते मोहब्बत की आज़ादी देती हूँ तुम्हें !!
खुद बढ़ कर खुदा ने किया मुझ निमानी पे रहमों करम
जब भी भरनी चाही उड़ान, दिया तेरा साथ और सारा आलम
इस सफ़र के हर जाम को घूँट-घूँट पिए, जब तक हो दम कायम !
बन जोगी की जोगन खुद को समर्पित करती हूँ तुम्हें
और भला क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!
ज़िन्दगी की डोर बंधी सांसों से
सांसे बंधी है पलों से
बिता हुआ पल और एक साँस की कीमत
करोडो-अरबों देकर भी वापिस ला सकता न कोई !
आज के इस मुबारक दिन
बस यहीं कीमती तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!!
लगता है आज कुछ खास विशेष दिन है ..... बहुत बहुत शुभकामनायें ...... समर्पण पर खूबसूरत रचना ।
ReplyDelete
Deleteसंगीता जी नमस्ते !!
सही कहा है आपने जिनके लिए ये गिफ्ट है, उनका जन्मदिन है और यही चाहती हूँ की उन्हें आप सब की दुआएं और आशीष मिले और उनका हर सपना पूरा हो जाये
शुक्रिया
ReplyDeleteमेरे ब्लाग मे पधारने के लिये
आपकी ये रचना अब आपकी नहीं रही
आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 23/01/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
जी धन्यवाद !!!
Deleteआपका लेखन प्रभावशाली है,
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनाएं
जी धन्यवाद !!!
Deleteप्रेम और समर्पण की पराकाष्ठ ....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर,प्यारी रचना।।
:-)
जी धन्यवाद !!!
Deleteरूह से रूह का प्यार , तेरे लिए कभी बंदिश न बने
ReplyDeleteजब भी चाहे, तेरी लिए एक नई राह बने !
दुनिया का हर रिश्ता शर्तों से बंधा है
अपने रूहानी यार को और कुछ नहीं
बस बेशर्ते मोहब्बत की आज़ादी देती हूँ तुम्हें !
poori rachana apne ap me adbhud hai .....bahut bahut badhai
जी धन्यवाद !!!
Deleteबहुत खूब
ReplyDeleteसुंदर भावाभियक्ति ,,,,
सुन्दर लेखन ,,,,
मुझे ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी
रूह से रूह का प्यार , तेरे लिए कभी बंदिश न बने
जब भी चाहे, तेरी लिए एक नई राह बने !
दुनिया का हर रिश्ता शर्तों से बंधा है
अपने रूहानी यार को और कुछ नहीं
बस बेशर्ते मोहब्बत की आज़ादी देती हूँ तुम्हें !!
जी धन्यवाद !!!
Deleteइसे कहते हैं ...टूटकर प्यार करना ....यह प्यार तुम्हे सदा खुश रखे .....और उस ख़ास प्यार के ख़ास दिन की ढेरों बधाई .....:)
ReplyDeleteजी नमस्ते !!!
Deleteएक दम सही कहा बस आपका आशीष मिलता रहे,
याद आता है वो पल जब मैं तुमसे मिलने आई
ReplyDeleteतुम्हें लगा ये बांवरी कोई नयी आफत ले आई !
भले ही मैंने न कहा तुमसे कुछ
मेरी ख़ामोशी तेरे दिल को दस्तक दे आई
बिछड़ने जो लगी तुमसे तो मेरी अखियाँ भर आई !!
न जाने कैसा चढ़ा रंग, अपने सूफी की हो गई मैं मलंग ...
प्रेम के इस अनोखे पल को शब्दों में जैसे कैद कर लिया है आपने ... लगता है कोई खास दिन दिन है ये आपके जीवन का ... बधाई ....
नासवा जी
Deleteनमस्ते !!
सही कहा है आपने जिनके लिए ये गिफ्ट है, उनका जन्मदिन है और यही चाहती हूँ की उन्हें आप सब की दुआएं और आशीष मिले और उनका हर सपना पूरा हो जाये
मेरा मन भी तेरा, तन भी तेरा
ReplyDeleteतेरा ही सब कुछ समर्पित करती हूँ तुम्हें !
और भला क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!!
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bahut hi sundar aur dilkash rachna...
जी धन्यवाद !!!
Deleteन जाने कब ख़त्म हो जाये ये सफ़र
ReplyDeleteजब तक होगा दम ओ सांसो का असर
तेरे हर सपने को पूरा करने की खातिर
छोड़ेगी न कोई कसर,
उड़ाने ज़िन्दगी की ये हमसफ़र !
आज के इस मुबारक दिन
क्या तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!!
काश कि प्यारा सा रिटर्न गिफ्ट तुम भी पाओ.....तुम्हारा समर्पण और प्रेम सार्थक हो जाए...
सस्नेह
अनु
अनु दी नमस्ते !!
Deleteआपकी दुआ के लिए बहुत बहुत शुक्रिया !! पर सच में कोई रिटर्न गिफ्ट नहीं चाहिए !! प्यार तो नाम है देना, सोचना भी नहीं कुछ है लेना !!
यही चाहती हूँ की उन्हें आप सब की दुआएं और आशीष मिले और उनका हर सपना पूरा हो जाये, यही रिटर्न गिफ्ट है मेरा !!
tohfa behad khoosurat hai.....
ReplyDeleteजी धन्यवाद !!!
Deleteबहुत अच्छा लिखा है आपने ,,दिल से !
ReplyDeleteमेरी पहली टिप्पणी शायद स्पैम में चली गई है .चेक कर लें ....
शुभकामनायें!
बाऊ जी नमस्ते !!
Deleteस्पैम में तो नहीं है, फिर भी कोई बात नहीं !! आपने दिल से दुआ जो दे दी है, वो सबसे ऊपर है !!
ज़िन्दगी की डोर बंधी सांसों से
ReplyDeleteसांसे बंधी है पलों से
बिता हुआ पल और एक साँस की कीमत
करोडो-अरबों देकर भी वापिस ला सकता न कोई !
आज के इस मुबारक दिन
बस यहीं कीमती तोहफा दे सकती हूँ तुम्हें
अपना हर पल, हर क्षण अर्पित करती हूँ तुम्हें !!!
वाह ! सुभानअल्लाह ! इतना स्नेह जिसके दिल में हो वह लुटाए नहीं तो क्या करे...
बहुत सुंदर रचना..आभार!
लाजवाब प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबेहतरीन रचना
ReplyDeleteसादर
रूह से रूह का प्यार , तेरे लिए कभी बंदिश न बने
ReplyDeleteजब भी चाहे, तेरी लिए एक नई राह बने !
दुनिया का हर रिश्ता शर्तों से बंधा है
अपने रूहानी यार को और कुछ नहीं
बस बेशर्ते मोहब्बत की आज़ादी देती हूँ तुम्हें !!
....समर्पित प्रेम की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...शुभकामनायें!