तेरी आँखों
का पानी
खाली कर
अपनी अखियों का
सावन बरसाना है !
तेरे हर गम
को हर
कर, अपना
आप संवारना
है
खुद
को तुझ
में समाने
के लिए
मुझे तेरी ज़रूरत है !!
तुझे चाहना ही
मेरी इबादत
तेरा प्यार ही
मेरी रूह
की ताकत
!
तेरी चौखट पे
सजदा ही
मेरी शानों
शौकत
हर पल तेरी
नमाज़ पढ़ने
से है
मुझको राहत
!!
यार की हज
और ख़ुद
को पाक
बनाने के
लिए
मेरे
यार - ए
खुदा मुझे
तेरी ज़रूरत
है !!
तेरा मेरा रूहानी
इश्क़, साफ़
है शीशे
जैसा !
मैं तुम से
हो गए
हम, फर्क
रहा फिर
कैसा !!
कह पाती हूँ
हर बात
तुम्हें, कुछ
भी ऐसा
वैसा !
न है मेरा
कोई रूप,
न है
कोई रंग
ढंग !!
हो गई हूँ
बस तुझ
जैसी जो
प्रीत लगाई
तुझ संग
!
हर
कदम तेरे
साथ चलने
के लिए
मुझे तेरी
ज़रूरत है
!!
मेरी हर सांस
तेरी हर
सांस में
घुल गई
है !
तेरी जो होई,मेरी मैं
मुझसे अलग
हो गई
है !!
अपना हर पल,
हर सांस
सौंप दी
है तुम्हे
!
हर लम्हा तेरे
लिए जी
जाऊँ
जीने के लिए
इन साँसों
में मुझे
तेरी ज़रूरत
है !!
तेरा हर दर्द अपना कर मैं, ख़ुशी से भर जाऊँ
तेरा हर दर्द अपना कर मैं, ख़ुशी से भर जाऊँ
कितनी भी मुश्किल
राहें हो,
ना देखूँ
तूफान, ना
घडी
बस तेरे एहसास
से हर
मुश्किल राह
पार कर
जाऊँ !
तू बन गया
है मेरी
सच्ची दुआ
अपनी
दुआ के
लिए मुझे
तेरी ज़रूरत
है !!
जिस माँ से
ना मैं
कभी मिली
उनका एहसास तेरी रूह की खुशबू से है !
उनका एहसास तेरी रूह की खुशबू से है !
जिनसे दो बातें
भी ना
कर पाई
उनका ज़िक्र तेरी
बातों में
है !!
जिन्हें हम करते
है बहुत
प्यार
वो हर पल
तेरी यादों
में है
!!
उस
माँ का
आशीष पाने
के लिए
मुझे तेरी
ज़रूरत है
!!!
ना परवाह है
मुझे समाज
की
ना बांधे हम कोई झूठा बंधन !
मेरे मन में तू ही तू
तेरा आशियाना हुआ मेरा मन आँगन !
ना बांधे हम कोई झूठा बंधन !
मेरे मन में तू ही तू
तेरा आशियाना हुआ मेरा मन आँगन !
तेरे बिना ना
भाए मुझको
ये सावन
मेरी
रग रग
तेरा नाम
जपे, बन
जोगी की
जोगन
अपना जोग निभाने के लिए मुझे तेरी ज़रूरत है !!
अपना जोग निभाने के लिए मुझे तेरी ज़रूरत है !!
दुनियावी कोई पहचान
नहीं
अपने इश्क़ की मिसाल बनानी है !
अपने इश्क़ की मिसाल बनानी है !
चाहे कोई भी
बात हो,
बस तेरा
साथ हो
तुझ से ही
अपनी मंज़िल
जानी है
!
ना छोडूँ तेरा
साथ कभी
ना मुख मोडूं
तुझसे कभी
इस
प्यार का
दीया हर
जगह रोशन
हो
खुद को तुझ में रोशन करने के लिए मुझे तेरी ज़रूरत है !!
खुद को तुझ में रोशन करने के लिए मुझे तेरी ज़रूरत है !!
रूहानी इश्क़ के
आकाश में
उड़ते चले
उड़ते उड़ते गगन
के उस
पार उड़
जाए !
जहाँ से ना
आना हो
फिर यहाँ
दोबारा
जो ग़र हो
गया फिर
से यहाँ
का घेरा
फिर घूमेंगे बन
बंजारन और
बंजारा !
बन एक उड़
जायेंगे रस्ते
नेक
कह दूँगी उस
रब से
मुझे तो
हर
जन्म बस
तेरी ज़रूरत
है !!
जो आया कभी
ऐसा वक़्त
ना रही तुझ
को मेरी
ज़रूरत
हस के वार
दूँगी ये
ज़िन्दगी
क्यूँकि तुझ से
ही पाई
अपनी अदा
ये तन है
अमानत तेरी
ये मन है
सौगात तेरी
सब तेरा तुझ
को सौंप
के
मुझ का ना
मेरी ज़रूरत
है !!
बहुत दिन बाद उड़ान भरी और खूब ऊँची भरी ....
ReplyDeleteखुबसूरत मन की उड़ान ,स्वछन्द उड़ान !
शुभकामनायें!
रूह को छूती हुई एक और लाजवाब प्रेम रचना ...
ReplyDeletebhavpurn-**
ReplyDeleteसूफियों की एक महक सी समेटे खुबसूरत कलाम ।
ReplyDeleteये तन है अमानत तेरी
ReplyDeleteये मन है सौगात तेरी
सब तेरा तुझ को सौंप के
मुझ का ना मेरी ज़रूरत है !!
....बहुत ख़ूबसूरत भावमयी प्रस्तुति...
जिस माँ से ना मैं कभी मिली
ReplyDeleteउनका एहसास तेरी रूह की खुशबू से है !
जिनसे दो बातें भी ना कर पाई
उनका ज़िक्र तेरी बातों में है !!
जिन्हें हम करते है बहुत प्यार
वो हर पल तेरी यादों में है !!
उस माँ का आशीष पाने के लिए मुझे तेरी ज़रूरत है !!!-
वैसे तो हर पंक्ति में कुछ भाव है, बहुत सुन्दर भाव ,सुन्दर अभिव्यक्ति !
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest post सुख -दुःख
खूबसूरत भाव....
ReplyDeleteना परवाह है मुझे समाज की
ReplyDeleteना बांधे हम कोई झूठा बंधन !
मेरे मन में तू ही तू
तेरा आशियाना हुआ मेरा मन आँगन !
तेरे बिना ना भाए मुझको ये सावन
मेरी रग रग तेरा नाम जपे, बन जोगी की जोगन
अपना जोग निभाने के लिए मुझे तेरी ज़रूरत है !!... खूबसूरत
जिस माँ से ना मैं कभी मिली
ReplyDeleteउनका एहसास तेरी रूह की खुशबू से है !
जिनसे दो बातें भी ना कर पाई
उनका ज़िक्र तेरी बातों में है !!
जिन्हें हम करते है बहुत प्यार
वो हर पल तेरी यादों में है !!
उस माँ का आशीष पाने के लिए मुझे तेरी ज़रूरत है !!!-
Am I feeling it the right way? I would like to believe yes :) Stay blessed always! Lots of love to you...